Original

श्रमं मोक्षय पूजां च गृहाण कपिसत्तम ।प्रीतिं च बहुमन्यस्व प्रीतोऽस्मि तव दर्शनात् ॥ ११५ ॥

Segmented

श्रमम् मोक्षय पूजाम् च गृहाण कपि-सत्तम प्रीतिम् च बहु मन्यस्व प्रीतो ऽस्मि तव दर्शनात्

Analysis

Word Lemma Parse
श्रमम् श्रम pos=n,g=m,c=2,n=s
मोक्षय मोक्षय् pos=v,p=2,n=s,l=lot
पूजाम् पूजा pos=n,g=f,c=2,n=s
pos=i
गृहाण ग्रह् pos=v,p=2,n=s,l=lot
कपि कपि pos=n,comp=y
सत्तम सत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s
प्रीतिम् प्रीति pos=n,g=f,c=2,n=s
pos=i
बहु बहु pos=a,g=n,c=2,n=s
मन्यस्व मन् pos=v,p=2,n=s,l=lot
प्रीतो प्री pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽस्मि अस् pos=v,p=1,n=s,l=lat
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
दर्शनात् दर्शन pos=n,g=n,c=5,n=s