रामायणम् — 5.1.114
Original
Segmented
अस्मिन्न् एवंगते कार्ये सागरस्य मे एव च प्रीतिम् प्रीत-मनाः कर्तुम् त्वम् अर्हसि महा-कपि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अस्मिन्न् | इदम् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
एवंगते | एवंगत | pos=a,g=n,c=7,n=s |
कार्ये | कार्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
सागरस्य | सागर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |
प्रीतिम् | प्रीति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्रीत | प्री | pos=va,comp=y,f=part |
मनाः | मनस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कर्तुम् | कृ | pos=vi |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
कपि | कपि | pos=n,g=m,c=8,n=s |