रामायणम् — 5.1.107
Original
Segmented
पूजिते त्वयि धर्म-ज्ञ पूजाम् प्राप्नोति मारुतः तस्मात् त्वम् पूजनीयो मे शृणु च अपि अत्र कारणम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पूजिते | पूजय् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
ज्ञ | ज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
पूजाम् | पूजा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्राप्नोति | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मारुतः | मारुत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्मात् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
पूजनीयो | पूजय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
कारणम् | कारण | pos=n,g=n,c=2,n=s |