रामायणम् — 4.66.9
Original
Segmented
बाहु-वेग-प्रणुन्नेन सागरेण अहम् उत्सहे समाप्लावयितुम् लोकम् स पर्वत-नदी-ह्रदम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बाहु | बाहु | pos=n,comp=y |
वेग | वेग | pos=n,comp=y |
प्रणुन्नेन | प्रणुद् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
सागरेण | सागर | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
उत्सहे | उत्सह् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
समाप्लावयितुम् | समाप्लावय् | pos=vi |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स | स | pos=i |
पर्वत | पर्वत | pos=n,comp=y |
नदी | नदी | pos=n,comp=y |
ह्रदम् | ह्रद | pos=n,g=m,c=2,n=s |