रामायणम् — 4.65.10
Original
Segmented
कपि-त्वे चारु-सर्व-अङ्गी कदाचित् कामरूपिणी मानुषम् विग्रहम् कृत्वा यौवन-उत्तम-शालिनी
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कपि | कपि | pos=n,comp=y |
त्वे | त्व | pos=n,g=n,c=7,n=s |
चारु | चारु | pos=a,comp=y |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
अङ्गी | अङ्ग | pos=a,g=f,c=1,n=s |
कदाचित् | कदाचिद् | pos=i |
कामरूपिणी | कामरूपिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
मानुषम् | मानुष | pos=a,g=m,c=2,n=s |
विग्रहम् | विग्रह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
यौवन | यौवन | pos=n,comp=y |
उत्तम | उत्तम | pos=a,comp=y |
शालिनी | शालिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |