रामायणम् — 4.6.15
Original
Segmented
सीता-स्नेह-प्रवृत्तेन स तु बाष्पेण दूषितः हा प्रिया इति रुदन् धैर्यम् उत्सृज्य न्यपतत् क्षितौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सीता | सीता | pos=n,comp=y |
स्नेह | स्नेह | pos=n,comp=y |
प्रवृत्तेन | प्रवृत् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
बाष्पेण | बाष्प | pos=n,g=m,c=3,n=s |
दूषितः | दूषय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
हा | हा | pos=i |
प्रिया | प्रिय | pos=a,g=f,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
रुदन् | रुद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
धैर्यम् | धैर्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उत्सृज्य | उत्सृज् | pos=vi |
न्यपतत् | निपत् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
क्षितौ | क्षिति | pos=n,g=f,c=7,n=s |