रामायणम् — 4.59.3
Original
Segmented
कृत्वा निःशब्दम् एकाग्राः शृण्वन्तु हरयो मम तत्त्वम् संकीर्तयिष्यामि यथा जानामि मैथिलीम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृत्वा | कृ | pos=vi |
निःशब्दम् | निःशब्द | pos=n,g=m,c=2,n=s |
एकाग्राः | एकाग्र | pos=a,g=m,c=1,n=p |
शृण्वन्तु | श्रु | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
हरयो | हरि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
तत्त्वम् | तत्त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
संकीर्तयिष्यामि | संकीर्तय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
यथा | यथा | pos=i |
जानामि | ज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
मैथिलीम् | मैथिली | pos=n,g=f,c=2,n=s |