रामायणम् — 4.56.1
Original
Segmented
शोकाद् भ्रष्ट-स्वरम् अपि श्रुत्वा ते हरि-यूथपाः श्रद्दधुः न एव तद् वाक्यम् कर्मणा तस्य शङ्किताः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शोकाद् | शोक | pos=n,g=m,c=5,n=s |
भ्रष्ट | भ्रंश् | pos=va,comp=y,f=part |
स्वरम् | स्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
यूथपाः | यूथप | pos=n,g=m,c=1,n=p |
श्रद्दधुः | श्रद्धा | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
न | न | pos=i |
एव | एव | pos=i |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कर्मणा | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
शङ्किताः | शङ्क् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |