रामायणम् — 4.53.9
Original
Segmented
नित्यम् अस्थिर-चित्ताः हि कपयो हरि-पुंगवैः न आज्ञापय् विषहिष्यन्ति पुत्र-दारान् विना त्वया
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
अस्थिर | अस्थिर | pos=a,comp=y |
चित्ताः | चित्त | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हि | हि | pos=i |
कपयो | कपि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
पुंगवैः | पुंगव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
आज्ञापय् | आज्ञापय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=krtya |
विषहिष्यन्ति | विषह् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
पुत्र | पुत्र | pos=n,comp=y |
दारान् | दार | pos=n,g=m,c=2,n=p |
विना | विना | pos=i |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |