Original

गिरिजालावृतान्देशान्मार्गित्वा दक्षिणां दिशम् ।वयं सर्वे परिश्रान्ता न च पश्यामि मैथिलीम् ॥ १२ ॥

Segmented

गिरि-जाल-आवृतान् देशान् मार्गित्वा दक्षिणाम् दिशम् वयम् सर्वे परिश्रान्ता न च पश्यामि मैथिलीम्

Analysis

Word Lemma Parse
गिरि गिरि pos=n,comp=y
जाल जाल pos=n,comp=y
आवृतान् आवृ pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part
देशान् देश pos=n,g=m,c=2,n=p
मार्गित्वा मार्ग् pos=vi
दक्षिणाम् दक्षिण pos=a,g=f,c=2,n=s
दिशम् दिश् pos=n,g=f,c=2,n=s
वयम् मद् pos=n,g=,c=1,n=p
सर्वे सर्व pos=n,g=m,c=1,n=p
परिश्रान्ता परिश्रम् pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
pos=i
pos=i
पश्यामि दृश् pos=v,p=1,n=s,l=lat
मैथिलीम् मैथिली pos=n,g=f,c=2,n=s