रामायणम् — 4.47.22
Original
Segmented
ते विचिन्त्य पुनः खिन्ना विनिष्पत्य समागताः एकान्ते वृक्ष-मूले तु निषेदुः दीन-मानसाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
विचिन्त्य | विचिन्तय् | pos=vi |
पुनः | पुनर् | pos=i |
खिन्ना | खिद् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
विनिष्पत्य | विनिष्पत् | pos=vi |
समागताः | समागम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
एकान्ते | एकान्त | pos=a,g=n,c=7,n=s |
वृक्ष | वृक्ष | pos=n,comp=y |
मूले | मूल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तु | तु | pos=i |
निषेदुः | निषद् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
दीन | दीन | pos=a,comp=y |
मानसाः | मानस | pos=n,g=m,c=1,n=p |