रामायणम् — 4.47.17
Original
Segmented
सो ऽपि तान् वानरान् सर्वान् नष्टाः स्थ इति अब्रवीद् बली अभ्यधावत संक्रुद्धो मुष्टिम् उद्यम्य संहितम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
वानरान् | वानर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
नष्टाः | नश् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
स्थ | अस् | pos=v,p=2,n=p,l=lat |
इति | इति | pos=i |
अब्रवीद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
बली | बलिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अभ्यधावत | अभिधाव् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
संक्रुद्धो | संक्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मुष्टिम् | मुष्टि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उद्यम्य | उद्यम् | pos=vi |
संहितम् | संधा | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |