रामायणम् — 4.45.7
Original
Segmented
अथ अहम् कृतबुद्धिस् तु सु व्यक्तम् निहतो गुरुः शिला पर्वत-संकाशा बिल-द्वारि मया कृता अशक्नुवन् निष्क्रमितुम् महिषो विनशेद् इति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अथ | अथ | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
कृतबुद्धिस् | कृतबुद्धि | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
सु | सु | pos=i |
व्यक्तम् | व्यक्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
निहतो | निहन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शिला | शिला | pos=n,g=f,c=1,n=s |
पर्वत | पर्वत | pos=n,comp=y |
संकाशा | संकाश | pos=n,g=f,c=1,n=s |
बिल | बिल | pos=n,comp=y |
द्वारि | द्वार् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
कृता | कृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
अशक्नुवन् | अशक्नुवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
निष्क्रमितुम् | निष्क्रम् | pos=vi |
महिषो | महिष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विनशेद् | विनश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
इति | इति | pos=i |