रामायणम् — 4.44.12
Original
Segmented
विधमिष्याम्य् अहम् वृक्षान् दारयिष्याम्य् अहम् गिरीन् धरणीम् दारयिष्यामि क्षोभयिष्यामि सागरान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विधमिष्याम्य् | विधम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
वृक्षान् | वृक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
दारयिष्याम्य् | दारय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
गिरीन् | गिरि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
धरणीम् | धरणी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
दारयिष्यामि | दारय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
क्षोभयिष्यामि | क्षोभय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
सागरान् | सागर | pos=n,g=m,c=2,n=p |