रामायणम् — 4.44.1
Original
Segmented
तद् उग्र-शासनम् भर्तुः विज्ञाय हरि-पुंगवाः शलभा इव संछाद्य मेदिनीम् सम्प्रतस्थिरे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उग्र | उग्र | pos=a,comp=y |
शासनम् | शासन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भर्तुः | भर्तृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विज्ञाय | विज्ञा | pos=vi |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
पुंगवाः | पुंगव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
शलभा | शलभ | pos=n,g=m,c=2,n=d |
इव | इव | pos=i |
संछाद्य | संछादय् | pos=vi |
मेदिनीम् | मेदिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
सम्प्रतस्थिरे | सम्प्रस्था | pos=v,p=3,n=p,l=lit |