रामायणम् — 4.41.42
Original
Segmented
यत्र तिष्ठति धर्म-आत्मा तपसा स्वेन भावितः मेरुसावर्णिः इत्य् एव ख्यातो वै ब्रह्मणा समः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यत्र | यत्र | pos=i |
तिष्ठति | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
स्वेन | स्व | pos=a,g=n,c=3,n=s |
भावितः | भावय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मेरुसावर्णिः | मेरुसावर्णि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इत्य् | इति | pos=i |
एव | एव | pos=i |
ख्यातो | ख्या | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वै | वै | pos=i |
ब्रह्मणा | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
समः | सम | pos=n,g=m,c=1,n=s |