रामायणम् — 4.40.42
Original
Segmented
अन्ते पृथिव्या दुर्धर्षास् तत्र स्वर्ग-जितः स्थिताः ततः परम् न वः सेव्यः पितृ-लोकः सु दारुणः राजधानी यमस्य एषा कष्टेन तमसा आवृता
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अन्ते | अन्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पृथिव्या | पृथिवी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
दुर्धर्षास् | दुर्धर्ष | pos=a,g=m,c=1,n=p |
तत्र | तत्र | pos=i |
स्वर्ग | स्वर्ग | pos=n,comp=y |
जितः | जित् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
स्थिताः | स्था | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
ततः | ततस् | pos=i |
परम् | पर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
वः | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
सेव्यः | सेव् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
पितृ | पितृ | pos=n,comp=y |
लोकः | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सु | सु | pos=i |
दारुणः | दारुण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
राजधानी | राजधानी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
यमस्य | यम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
एषा | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
कष्टेन | कष्ट | pos=a,g=n,c=3,n=s |
तमसा | तमस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
आवृता | आवृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |