रामायणम् — 4.37.19
Original
Segmented
परिष्वज्य च धर्म-आत्मा निषीद इति ततो ऽब्रवीत् तम् निषण्णम् ततो दृष्ट्वा क्षितौ रामो ऽब्रवीद् वचः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
परिष्वज्य | परिष्वज् | pos=vi |
च | च | pos=i |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
निषीद | निषद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
इति | इति | pos=i |
ततो | ततस् | pos=i |
ऽब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निषण्णम् | निषद् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
ततो | ततस् | pos=i |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
क्षितौ | क्षिति | pos=n,g=f,c=7,n=s |
रामो | राम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽब्रवीद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |