रामायणम् — 4.34.22
Original
Segmented
ऋक्ष-कोटि-सहस्राणि गोलाङ्गूल-शतानि च अद्य त्वाम् उपयास्यन्ति जहि कोपम् अरिंदम कोट्यो ऽनेकास् तु काकुत्स्थ कपीनाम् दीप्त-तेजस्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ऋक्ष | ऋक्ष | pos=n,comp=y |
कोटि | कोटि | pos=n,comp=y |
सहस्राणि | सहस्र | pos=n,g=n,c=1,n=p |
गोलाङ्गूल | गोलाङ्गूल | pos=n,comp=y |
शतानि | शत | pos=n,g=n,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
अद्य | अद्य | pos=i |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
उपयास्यन्ति | उपया | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
जहि | हा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
कोपम् | कोप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अरिंदम | अरिंदम | pos=a,g=m,c=8,n=s |
कोट्यो | कोटि | pos=n,g=f,c=1,n=p |
ऽनेकास् | अनेक | pos=a,g=f,c=1,n=p |
तु | तु | pos=i |
काकुत्स्थ | काकुत्स्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
कपीनाम् | कपि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
दीप्त | दीप् | pos=va,comp=y,f=part |
तेजस् | तेजस् | pos=n,g=m,c=6,n=p |