Original

प्रविशन्नेव सततं शुश्राव मधुरस्वरम् ।तन्त्रीगीतसमाकीर्णं समगीतपदाक्षरम् ॥ २१ ॥

Segmented

प्रविशन्न् एव सततम् शुश्राव मधुर-स्वरम् तन्त्री-गीत-समाकीर्णम् सम-गीत-पद-अक्षरम्

Analysis

Word Lemma Parse
प्रविशन्न् प्रविश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
एव एव pos=i
सततम् सतत pos=a,g=m,c=2,n=s
शुश्राव श्रु pos=v,p=3,n=s,l=lit
मधुर मधुर pos=a,comp=y
स्वरम् स्वर pos=n,g=m,c=2,n=s
तन्त्री तन्त्री pos=n,comp=y
गीत गीत pos=n,comp=y
समाकीर्णम् समाकृ pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
सम सम pos=n,comp=y
गीत गीत pos=n,comp=y
पद पद pos=n,comp=y
अक्षरम् अक्षर pos=n,g=m,c=2,n=s