रामायणम् — 4.31.7
Original
Segmented
सर्वथा सुकरम् मित्रम् दुष्करम् परिपालनम् अनित्य-त्वात् तु चित्तानाम् प्रीतिः अल्पे ऽपि भिद्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सर्वथा | सर्वथा | pos=i |
सुकरम् | सुकर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
मित्रम् | मित्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
दुष्करम् | दुष्कर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
परिपालनम् | परिपालन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अनित्य | अनित्य | pos=a,comp=y |
त्वात् | त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
तु | तु | pos=i |
चित्तानाम् | चित्त | pos=n,g=n,c=6,n=p |
प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अल्पे | अल्प | pos=a,g=n,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
भिद्यते | भिद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |