रामायणम् — 4.31.2
Original
Segmented
सचिवान् अब्रवीद् वाक्यम् निश्चित्य गुरुलाघवम् मन्त्र-ज्ञान् मन्त्र-कुशलः मन्त्रेषु परिनिष्ठितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सचिवान् | सचिव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अब्रवीद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
निश्चित्य | निश्चि | pos=vi |
गुरुलाघवम् | गुरुलाघव | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मन्त्र | मन्त्र | pos=n,comp=y |
ज्ञान् | ज्ञ | pos=a,g=m,c=2,n=p |
मन्त्र | मन्त्र | pos=n,comp=y |
कुशलः | कुशल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
मन्त्रेषु | मन्त्र | pos=n,g=m,c=7,n=p |
परिनिष्ठितः | परिनिष्ठा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |