रामायणम् — 4.31.17
Original
Segmented
कृत-अपराधस्य हि ते न अन्यत् पश्याम्य् अहम् क्षमम् अन्तरेण अञ्जलिम् बद्ध्वा लक्ष्मणस्य प्रसादनात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
अपराधस्य | अपराध | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हि | हि | pos=i |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
न | न | pos=i |
अन्यत् | अन्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पश्याम्य् | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
क्षमम् | क्षम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अन्तरेण | अन्तर | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अञ्जलिम् | अञ्जलि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
बद्ध्वा | बन्ध् | pos=vi |
लक्ष्मणस्य | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्रसादनात् | प्रसादन | pos=n,g=n,c=5,n=s |