Original

प्राप्तमुद्योगकालं तु नावैषि हरिपुंगव ।त्वं प्रमत्त इति व्यक्तं लक्ष्मणोऽयमिहागतः ॥ १५ ॥

Segmented

प्राप्तम् उद्योग-कालम् तु न अवैषि हरि-पुंगवैः त्वम् प्रमत्त इति व्यक्तम् लक्ष्मणो ऽयम् इह आगतः

Analysis

Word Lemma Parse
प्राप्तम् प्राप् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
उद्योग उद्योग pos=n,comp=y
कालम् काल pos=n,g=m,c=2,n=s
तु तु pos=i
pos=i
अवैषि अवे pos=v,p=2,n=s,l=lat
हरि हरि pos=n,comp=y
पुंगवैः पुंगव pos=n,g=m,c=8,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
प्रमत्त प्रमद् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
इति इति pos=i
व्यक्तम् व्यक्त pos=a,g=n,c=2,n=s
लक्ष्मणो लक्ष्मण pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽयम् इदम् pos=n,g=m,c=1,n=s
इह इह pos=i
आगतः आगम् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part