रामायणम् — 4.30.3
Original
Segmented
मति-क्षयतः ग्राम्य-सुखेषु सक्तस् तव प्रसाद-अप्रतिकार-बुद्धिः हतो ऽग्रजम् पश्यतु वालिनम् स न राज्यम् एवम् विगुणस्य देयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मति | मति | pos=n,comp=y |
क्षयतः | क्षय | pos=n,g=m,c=5,n=s |
ग्राम्य | ग्राम्य | pos=n,comp=y |
सुखेषु | सुख | pos=n,g=n,c=7,n=p |
सक्तस् | सञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
प्रसाद | प्रसाद | pos=n,comp=y |
अप्रतिकार | अप्रतिकार | pos=a,comp=y |
बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हतो | हन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽग्रजम् | अग्रज | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पश्यतु | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
वालिनम् | वालिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
राज्यम् | राज्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एवम् | एवम् | pos=i |
विगुणस्य | विगुण | pos=a,g=m,c=6,n=s |
देयम् | दा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |