रामायणम् — 4.28.13
Original
Segmented
यस् तु काल-व्यतीतेषु मित्र-कार्येषु वर्तते स कृत्वा महतो ऽप्य् अर्थान् न मित्र-अर्थेन युज्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस् | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
काल | काल | pos=n,comp=y |
व्यतीतेषु | व्यती | pos=va,g=n,c=7,n=p,f=part |
मित्र | मित्र | pos=n,comp=y |
कार्येषु | कार्य | pos=n,g=n,c=7,n=p |
वर्तते | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
महतो | महत् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
ऽप्य् | अपि | pos=i |
अर्थान् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
न | न | pos=i |
मित्र | मित्र | pos=n,comp=y |
अर्थेन | अर्थ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
युज्यते | युज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |