Original

मुक्तासकाशं सलिलं पतद्वै सुनिर्मलं पत्रपुटेषु लग्नम् ।हृष्टा विवर्णच्छदना विहंगाः सुरेन्द्रदत्तं तृषिताः पिबन्ति ॥ ३० ॥

Segmented

मुक्ता-सकाशम् सलिलम् पतद् वै सुनिर्मलम् पत्त्र-पुटेषु लग्नम् हृष्टा विवर्ण-छदनाः विहंगाः सुर-इन्द्र-दत्तम् तृषिताः पिबन्ति

Analysis

Word Lemma Parse
मुक्ता मुक्ता pos=n,comp=y
सकाशम् सकाश pos=n,g=n,c=1,n=s
सलिलम् सलिल pos=n,g=n,c=1,n=s
पतद् पत् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
वै वै pos=i
सुनिर्मलम् सुनिर्मल pos=a,g=n,c=1,n=s
पत्त्र पत्त्र pos=n,comp=y
पुटेषु पुट pos=n,g=m,c=7,n=p
लग्नम् लग् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
हृष्टा हृष् pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
विवर्ण विवर्ण pos=a,comp=y
छदनाः छदन pos=n,g=m,c=1,n=p
विहंगाः विहंग pos=n,g=m,c=1,n=p
सुर सुर pos=n,comp=y
इन्द्र इन्द्र pos=n,comp=y
दत्तम् दा pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
तृषिताः तृषित pos=a,g=m,c=1,n=p
पिबन्ति पा pos=v,p=3,n=p,l=lat