Original

क्वचित्प्रकाशं क्वचिदप्रकाशं नभः प्रकीर्णाम्बुधरं विभाति ।क्वचित्क्वचित्पर्वतसंनिरुद्धं रूपं यथा शान्तमहार्णवस्य ॥ १७ ॥

Segmented

क्वचित् प्रकाशम् क्वचिद् अप्रकाशम् नभः प्रकीर्ण-अम्बुधरम् विभाति क्वचित् क्वचित् पर्वत-संनिरुद्धम् रूपम् यथा शान्त-महा-अर्णवस्य

Analysis

Word Lemma Parse
क्वचित् क्वचिद् pos=i
प्रकाशम् प्रकाश pos=a,g=n,c=1,n=s
क्वचिद् क्वचिद् pos=i
अप्रकाशम् अप्रकाश pos=a,g=n,c=1,n=s
नभः नभस् pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रकीर्ण प्रक्￞ pos=va,comp=y,f=part
अम्बुधरम् अम्बुधर pos=n,g=n,c=1,n=s
विभाति विभा pos=v,p=3,n=s,l=lat
क्वचित् क्वचिद् pos=i
क्वचित् क्वचिद् pos=i
पर्वत पर्वत pos=n,comp=y
संनिरुद्धम् संनिरुध् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
रूपम् रूप pos=n,g=n,c=1,n=s
यथा यथा pos=i
शान्त शम् pos=va,comp=y,f=part
महा महत् pos=a,comp=y
अर्णवस्य अर्णव pos=n,g=m,c=6,n=s