रामायणम् — 4.25.15
Original
Segmented
कार्त्तिके समनुप्राप्ते त्वम् रावण-वधे यत एष नः समयः सौम्य प्रविश त्वम् स्वम् आलयम् अभिषिञ्चस्व राज्ये च सुहृदः संप्रहर्षय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कार्त्तिके | कार्त्तिक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
समनुप्राप्ते | समनुप्राप् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
रावण | रावण | pos=n,comp=y |
वधे | वध | pos=n,g=m,c=7,n=s |
यत | यत् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
समयः | समय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सौम्य | सौम्य | pos=a,g=m,c=8,n=s |
प्रविश | प्रविश् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
स्वम् | स्व | pos=a,g=m,c=2,n=s |
आलयम् | आलय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अभिषिञ्चस्व | अभिषिच् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
राज्ये | राज्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
सुहृदः | सुहृद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
संप्रहर्षय | संप्रहर्षय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |