रामायणम् — 4.24.10
Original
Segmented
स्वधर्मस्य च संयोगाज् जितस् तेन महात्मना स्वर्गः परिगृहीतः च प्राणान् अपरिरक्षता
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्वधर्मस्य | स्वधर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
संयोगाज् | संयोग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
जितस् | जि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
महात्मना | महात्मन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
स्वर्गः | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
परिगृहीतः | परिग्रह् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
प्राणान् | प्राण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अपरिरक्षता | अपरिरक्षत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |