Original

रुधिरोक्षितसर्वाङ्गं दृष्ट्वा विनिहतं पतिम् ।उवाच तारा पिङ्गाक्षं पुत्रमङ्गदमङ्गना ॥ २१ ॥

Segmented

रुधिर-उक्ः-सर्व-अङ्गम् दृष्ट्वा विनिहतम् पतिम् उवाच तारा पिङ्ग-अक्षम् पुत्रम् अङ्गदम् अङ्गना

Analysis

Word Lemma Parse
रुधिर रुधिर pos=n,comp=y
उक्ः उक्ष् pos=va,comp=y,f=part
सर्व सर्व pos=n,comp=y
अङ्गम् अङ्ग pos=n,g=m,c=2,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
विनिहतम् विनिहन् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
पतिम् पति pos=n,g=m,c=2,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
तारा तारा pos=n,g=f,c=1,n=s
पिङ्ग पिङ्ग pos=a,comp=y
अक्षम् अक्ष pos=n,g=m,c=2,n=s
पुत्रम् पुत्र pos=n,g=m,c=2,n=s
अङ्गदम् अङ्गद pos=n,g=m,c=2,n=s
अङ्गना अङ्गना pos=n,g=f,c=1,n=s