रामायणम् — 4.20.8
Original
Segmented
यान्य् अस्माभिस् त्वया सार्धम् वनेषु मधु-गन्धि विहृतानि त्वया काले तेषाम् उपरमः कृतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यान्य् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
अस्माभिस् | मद् | pos=n,g=,c=3,n=p |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
सार्धम् | सार्धम् | pos=i |
वनेषु | वन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
मधु | मधु | pos=n,comp=y |
गन्धि | गन्धि | pos=a,g=n,c=7,n=p |
विहृतानि | विहृ | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
उपरमः | उपरम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कृतः | कृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |