रामायणम् — 4.20.24
Original
Segmented
यद्य् अप्रियम् किंचिद् अ सम्प्रधार्य कृतम् मया स्यात् तव दीर्घ-बाहो क्षमस्व मे तत् हरि-वंश-नाथ व्रजामि मूर्ध्ना तव वीर पादौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यद्य् | यदि | pos=i |
अप्रियम् | अप्रिय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अ | अ | pos=i |
सम्प्रधार्य | सम्प्रधारय् | pos=vi |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दीर्घ | दीर्घ | pos=a,comp=y |
बाहो | बाहु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
क्षमस्व | क्षम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
वंश | वंश | pos=n,comp=y |
नाथ | नाथ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
व्रजामि | व्रज् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
मूर्ध्ना | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वीर | वीर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
पादौ | पाद | pos=n,g=m,c=2,n=d |