Original

यद्यप्रियं किंचिदसंप्रधार्य कृतं मया स्यात्तव दीर्घबाहो ।क्षमस्व मे तद्धरिवंश नाथ व्रजामि मूर्ध्ना तव वीर पादौ ॥ २४ ॥

Segmented

यद्य् अप्रियम् किंचिद् अ सम्प्रधार्य कृतम् मया स्यात् तव दीर्घ-बाहो क्षमस्व मे तत् हरि-वंश-नाथ व्रजामि मूर्ध्ना तव वीर पादौ

Analysis

Word Lemma Parse
यद्य् यदि pos=i
अप्रियम् अप्रिय pos=a,g=n,c=1,n=s
किंचिद् कश्चित् pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
सम्प्रधार्य सम्प्रधारय् pos=vi
कृतम् कृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s
स्यात् अस् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
दीर्घ दीर्घ pos=a,comp=y
बाहो बाहु pos=n,g=m,c=8,n=s
क्षमस्व क्षम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
हरि हरि pos=n,comp=y
वंश वंश pos=n,comp=y
नाथ नाथ pos=n,g=m,c=8,n=s
व्रजामि व्रज् pos=v,p=1,n=s,l=lat
मूर्ध्ना मूर्धन् pos=n,g=m,c=3,n=s
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
वीर वीर pos=n,g=m,c=8,n=s
पादौ पाद pos=n,g=m,c=2,n=d