रामायणम् — 4.2.25
Original
Segmented
मे एव अभिमुखम् स्थित्वा पृच्छ त्वम् हरि-पुंगवैः प्रयोजनम् प्रवेशस्य वनस्य अस्य धनुः-धरौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
एव | एव | pos=i |
अभिमुखम् | अभिमुख | pos=a,g=m,c=2,n=s |
स्थित्वा | स्था | pos=vi |
पृच्छ | प्रच्छ् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
पुंगवैः | पुंगव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
प्रयोजनम् | प्रयोजन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रवेशस्य | प्रवेश | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वनस्य | वन | pos=n,g=n,c=6,n=s |
अस्य | इदम् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
धनुः | धनुस् | pos=n,comp=y |
धरौ | धर | pos=a,g=m,c=2,n=d |