रामायणम् — 4.2.24
Original
Segmented
लक्षयस्व तयोः भावम् प्रहृः-मनस् यदि विश्वासयन् प्रशंसाभिः इङ्गितैः च पुनः पुनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
लक्षयस्व | लक्षय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
तयोः | तद् | pos=n,g=n,c=6,n=d |
भावम् | भाव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रहृः | प्रहृष् | pos=va,comp=y,f=part |
मनस् | मनस् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
यदि | यदि | pos=i |
विश्वासयन् | विश्वासय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रशंसाभिः | प्रशंसा | pos=n,g=f,c=3,n=p |
इङ्गितैः | इङ्गित | pos=n,g=n,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |