रामायणम् — 4.2.2
Original
Segmented
उद्विग्न-हृदयः सर्वा दिशः समवलोकयन् न व्यतिष्ठत कस्मिंश्चिद् देशे वानर-पुंगवः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उद्विग्न | उद्विज् | pos=va,comp=y,f=part |
हृदयः | हृदय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्वा | सर्व | pos=n,g=f,c=2,n=p |
दिशः | दिश् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
समवलोकयन् | समवलोकय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
व्यतिष्ठत | विष्ठा | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
कस्मिंश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
देशे | देश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वानर | वानर | pos=n,comp=y |
पुंगवः | पुंगव | pos=n,g=m,c=1,n=s |