रामायणम् — 4.2.14
Original
Segmented
यस्माद् उद्विग्न-चेताः त्वम् प्रद्रुतो हरि-पुंगवैः तम् क्रूर-दर्शनम् क्रूरम् न इह पश्यामि वालिनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्माद् | यद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
उद्विग्न | उद्विज् | pos=va,comp=y,f=part |
चेताः | चेतस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
प्रद्रुतो | प्रद्रु | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
पुंगवैः | पुंगव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
क्रूर | क्रूर | pos=a,comp=y |
दर्शनम् | दर्शन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
क्रूरम् | क्रूर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
इह | इह | pos=i |
पश्यामि | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
वालिनम् | वालिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |