रामायणम् — 4.18.38
Original
Segmented
तान् न हिंस्यान् न च आक्रोशेत् न आक्षिपेत् न अप्रियम् वदेत् देवा मानुष-रूपेण चरन्त्य् एते मही-तले
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
न | न | pos=i |
हिंस्यान् | हिंस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
आक्रोशेत् | आक्रुश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
न | न | pos=i |
आक्षिपेत् | आक्षिप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
न | न | pos=i |
अप्रियम् | अप्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वदेत् | वद् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
देवा | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
मानुष | मानुष | pos=a,comp=y |
रूपेण | रूप | pos=n,g=n,c=3,n=s |
चरन्त्य् | चर् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
एते | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
मही | मही | pos=n,comp=y |
तले | तल | pos=n,g=m,c=7,n=s |