रामायणम् — 4.18.11
Original
Segmented
ते वयम् मार्ग-विभ्रष्टम् स्वधर्मे परमे स्थिताः भरत-आज्ञाम् पुरस्कृत्य निगृह्णीमो यथाविधि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
मार्ग | मार्ग | pos=n,comp=y |
विभ्रष्टम् | विभ्रंश् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
स्वधर्मे | स्वधर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
परमे | परम | pos=a,g=m,c=7,n=s |
स्थिताः | स्था | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
आज्ञाम् | आज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
पुरस्कृत्य | पुरस्कृ | pos=vi |
निगृह्णीमो | निग्रह् | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
यथाविधि | यथाविधि | pos=i |