रामायणम् — 4.17.30
Original
Segmented
न ते ऽस्त्य् अपचितिः धर्मे न अर्थे बुद्धिः अवस्थिता इन्द्रियैः काम-वृत्तः सन् कृष्यसे मनुज-ईश्वर
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽस्त्य् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अपचितिः | अपचिति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
धर्मे | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अवस्थिता | अवस्था | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
इन्द्रियैः | इन्द्रिय | pos=n,g=n,c=3,n=p |
काम | काम | pos=n,comp=y |
वृत्तः | वृत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सन् | अस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
कृष्यसे | कृष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
मनुज | मनुज | pos=n,comp=y |
ईश्वर | ईश्वर | pos=n,g=m,c=8,n=s |