रामायणम् — 4.16.7
Original
Segmented
प्रतियोत्स्याम्य् अहम् गत्वा सुग्रीवम् जहि सम्भ्रमम् दर्पम् च अस्य विनेष्यामि न च प्राणैः विमोक्ष्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रतियोत्स्याम्य् | प्रतियुध् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
गत्वा | गम् | pos=vi |
सुग्रीवम् | सुग्रीव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जहि | हा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
सम्भ्रमम् | सम्भ्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
दर्पम् | दर्प | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विनेष्यामि | विनी | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
प्राणैः | प्राण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
विमोक्ष्यते | विमुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |