रामायणम् — 4.16.2
Original
Segmented
गर्जतो ऽस्य च संरम्भम् भ्रातुः शत्रोः विशेषतः मर्षयिष्याम्य् अहम् केन कारणेन वरानने
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गर्जतो | गर्ज् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
ऽस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
संरम्भम् | संरम्भ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भ्रातुः | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
शत्रोः | शत्रु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विशेषतः | विशेषतः | pos=i |
मर्षयिष्याम्य् | मर्षय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
केन | क | pos=n,g=n,c=3,n=s |
कारणेन | कारण | pos=n,g=n,c=3,n=s |
वरानने | वरानना | pos=n,g=f,c=8,n=s |