रामायणम् — 4.12.34
Original
Segmented
अभिज्ञानम् कुरुष्व त्वम् आत्मनो वानर-ईश्वर येन त्वाम् अभिजानीयाम् द्वन्द्व-युद्धम् उपागतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अभिज्ञानम् | अभिज्ञान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कुरुष्व | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
आत्मनो | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वानर | वानर | pos=n,comp=y |
ईश्वर | ईश्वर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
येन | यद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अभिजानीयाम् | अभिज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
द्वन्द्व | द्वंद्व | pos=n,comp=y |
युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उपागतम् | उपागम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |