रामायणम् — 4.11.42
Original
Segmented
तान् दृष्ट्वा पतितांस् तत्र मुनिः शोणित-विप्रुषः उत्ससर्ज महा-शापम् क्षेप्तारम् वालिनम् प्रति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
पतितांस् | पत् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
तत्र | तत्र | pos=i |
मुनिः | मुनि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शोणित | शोणित | pos=n,comp=y |
विप्रुषः | विप्रुष् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
उत्ससर्ज | उत्सृज् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
शापम् | शाप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
क्षेप्तारम् | क्षेप्तृ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
वालिनम् | वालिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रति | प्रति | pos=i |