Original

धारयन्माहिषं रूपं तीक्ष्णशृङ्गो भयावहः ।प्रावृषीव महामेघस्तोयपूर्णो नभस्तले ॥ २५ ॥

Segmented

धारयन् माहिषम् रूपम् तीक्ष्ण-शृङ्गः भय-आवहः प्रावृषि इव महा-मेघः तोय-पूर्णः नभस्तले

Analysis

Word Lemma Parse
धारयन् धारय् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
माहिषम् माहिष pos=a,g=n,c=2,n=s
रूपम् रूप pos=n,g=n,c=2,n=s
तीक्ष्ण तीक्ष्ण pos=a,comp=y
शृङ्गः शृङ्ग pos=n,g=m,c=1,n=s
भय भय pos=n,comp=y
आवहः आवह pos=a,g=m,c=1,n=s
प्रावृषि प्रावृष् pos=n,g=f,c=7,n=s
इव इव pos=i
महा महत् pos=a,comp=y
मेघः मेघ pos=n,g=m,c=1,n=s
तोय तोय pos=n,comp=y
पूर्णः पृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
नभस्तले नभस्तल pos=n,g=n,c=7,n=s