रामायणम् — 4.11.23
Original
Segmented
तम् शीघ्रम् अभिगच्छ त्वम् यदि युद्धम् इह इच्छसि स हि दुर्धर्षणो नित्यम् शूरः समर-कर्मणि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शीघ्रम् | शीघ्र | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अभिगच्छ | अभिगम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
यदि | यदि | pos=i |
युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इह | इह | pos=i |
इच्छसि | इष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
दुर्धर्षणो | दुर्धर्षण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
शूरः | शूर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
समर | समर | pos=n,comp=y |
कर्मणि | कर्मन् | pos=n,g=n,c=7,n=s |