रामायणम् — 4.10.28
Original
Segmented
यावत् तम् न हि पश्येयम् तव भार्या-अपहारिनम् तावत् स जीवेत् पाप-आत्मा वाली चारित्र-दूषक
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यावत् | यावत् | pos=i |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
पश्येयम् | पश् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
भार्या | भार्या | pos=n,comp=y |
अपहारिनम् | अपहारिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
तावत् | तावत् | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जीवेत् | जीव् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
पाप | पाप | pos=n,comp=y |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वाली | वालिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
चारित्र | चारित्र | pos=n,comp=y |
दूषक | दूषक | pos=a,g=,c=1,n=s |