Original

एष दात्यूहको हृष्टो रम्ये मां वननिर्झरे ।प्रणदन्मन्मथाविष्टं शोचयिष्यति लक्ष्मण ॥ १४ ॥

Segmented

एष दात्यूहको हृष्टो रम्ये माम् वन-निर्झरे प्रणदन् मन्मथ-आविष्टम् शोचयिष्यति लक्ष्मण

Analysis

Word Lemma Parse
एष एतद् pos=n,g=m,c=1,n=s
दात्यूहको दात्यूहक pos=n,g=m,c=1,n=s
हृष्टो हृष् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
रम्ये रम्य pos=a,g=m,c=7,n=s
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
वन वन pos=n,comp=y
निर्झरे निर्झर pos=n,g=m,c=7,n=s
प्रणदन् प्रणद् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
मन्मथ मन्मथ pos=n,comp=y
आविष्टम् आविश् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
शोचयिष्यति शोचय् pos=v,p=3,n=s,l=lrt
लक्ष्मण लक्ष्मण pos=n,g=m,c=8,n=s