रामायणम् — 3.8.25
Original
Segmented
अक्षया तु भवेत् प्रीतिः श्वश्रू-श्वशुरयोः मम यदि राज्यम् हि संन्यस्य भवेस् त्वम् निरतो मुनिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अक्षया | अक्षय | pos=a,g=f,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
श्वश्रू | श्वश्रू | pos=n,comp=y |
श्वशुरयोः | श्वशुर | pos=n,g=m,c=6,n=d |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
यदि | यदि | pos=i |
राज्यम् | राज्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
संन्यस्य | संन्यस् | pos=vi |
भवेस् | भू | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
निरतो | निरम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मुनिः | मुनि | pos=n,g=m,c=1,n=s |