रामायणम् — 3.71.7
Original
Segmented
ऋश्यमूको गिरिः यत्र न अतिदूरे प्रकाशते यस्मिन् वसति धर्म-आत्मा सुग्रीवो ऽंशुमतः सुतः नित्यम् वालिन्-भयात् त्रस्तः चतुर्भिः सह वानरैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ऋश्यमूको | ऋश्यमूक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
गिरिः | गिरि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
न | न | pos=i |
अतिदूरे | अतिदूर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
प्रकाशते | प्रकाश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यस्मिन् | यद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वसति | वस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सुग्रीवो | सुग्रीव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽंशुमतः | अंशुमन्त् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सुतः | सुत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
वालिन् | वालिन् | pos=n,comp=y |
भयात् | भय | pos=n,g=n,c=5,n=s |
त्रस्तः | त्रस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
चतुर्भिः | चतुर् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सह | सह | pos=i |
वानरैः | वानर | pos=n,g=m,c=3,n=p |